कैंसिल और वेटिंग टिकटों से रेलवे ने तीन साल में कमाए 9 हजार करोड़
भारतीय रेलवे ने तीन साल में टिकट कैंसिल कराने और वेटिंग टिकटों को रद्द नहीं कराने से ही 9 हजार करोड़ रुपये कमा लिए। यह जानकारी आरटीआई के तहत सामने आई है। 
 

राजस्थान के कोटा निवासी सुजीत स्वामी ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत कुछ सवाल पूछे थे। इनका जवाब देते हुए 'सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम' (क्रिस) ने कहा कि एक जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2020 की तीन साल की अवधि के दौरान साढ़े नौ करोड़ यात्रियों ने वेटिंग लिस्ट वाली टिकटों को रद्द नहीं कराया। इससे रेलवे को 4,335 करोड़ रुपये की कमाई हुई। 

इसी दौरान रेलवे ने कन्फर्म टिकटों को कैंसिल करने के शुल्क से 4,684 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। इन दोनों मामलों में सबसे ज्यादा कमाई स्लीपर श्रेणी के टिकटों से हुई। उसके बाद थर्ड एसी टिकटों का स्थान रहा।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग ज्यादा : 


क्रिस ने आरटीआई के जवाब में कहा कि इंटरनेट और काउंटरों पर जाकर टिकट खरीदने वाले लोगों की संख्या में भी काफी अंतर है। तीन साल की अवधि में 145 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन टिकट जबकि 74 करोड़ लोगों ने रेलवे काउंटरों पर जाकर टिकट लिए।

रेलवे पर लगाए थे ये आरोप : 


समाजिक कार्यकर्ता स्वामी ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि भारतीय रेलवे की आरक्षण नीति भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और काउंटर रिजर्वेशन को लेकर नीतियों के अंतर के कारण यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय और मानसिक बोझ है। याचिका में इसे खत्म करने और यात्रियों को राहत देने तथा अनुचित तरीके से कमाई रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह किया गया है।